भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि एटीएम से बिना शुल्क रुपए निकालने की सीमा तय करना एक नीतिगत निर्णय है और इस निर्णय में अदालत को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।आरबीआइ ने मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ के समक्ष कहा कि यह याचिका उसके उस सर्कुलर को चुनौती दे रही है जिसके तहत बैंक से रुपये निकालने की सीमा को निर्धारित किया गया है। याचीका दाखिल करने वाले के वकील के पेश नहीं होने के कारण आरबीआइ का पक्ष जानने के बाद हाई कोर्ट ने अगले वर्ष 12 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करने का निर्णय लिया। गौरतलब है कि याचिका में कहा गया था कि एटीएम से रुपये निकालने की कोई सीमा नहीं होने चाहिए। ग्राहकों को यह सहूलियत मिलनी चाहिए कि वह अपने बैंक के एटीएम से जरूरत के अनुसार जितनी बार चाहें पैसे निकाल सकें। आरबीआइ की नई गाइडलाइन के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे छह महानगरों में एटीएम से केवल माह में पांच बार बिना शुल्क रुपए निकालने की इजाजत है। इससे अधिक बार रुपये निकालने पर उन्हें 20 रुपये प्रतिमाह देना होगा।
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