Tuesday, 6 December 2016

NARENDRA MODI LA KHASH RISTA HAI....

जब स्कूल में था तो शिक्षकों की नकल करता था, फिल्में देखने लगा तो कलाकारों की नकल करने की कोशिश करने लगा। धीरे-धीरे इसी मिमिक्री के शौक ने पहचान दिला दी। यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री कर रातोंरात चर्चा में आए मिमिक्री कलाकार श्याम 'रंगीला' का। 


राजस्थान पत्रिका कार्यालय पहुंचे रंगीला ने कहा कि वे रायसिंहनगर के मोहकमवाला गांव के रहने वाले हैं। शुरू में गांव में मिमिक्री शुरू की, और फिर धीरे-धीरे यह कारवां आगे बढ़ता चला गया। 


राजस्थान पत्रिका के 'हमराह' में आया तो लोगों ने पसंद भी किया और वहीं से मिली शुरुआती पहचान। स्कूल स्तर पर मिमिक्री के बाद जब एनिमेशन का कोर्स किया तो आत्मविश्वास भी बढ़ता चला गया। 


बारह वर्ष में मेहनत लाई रंग : रंगीला ने बताया कि वे सफलता के लिए 2004 से ही प्रयासरत थे। शुरुआत में इतनी अच्छे से नकल नहीं कर पाते थे लेकिन जैसे वक्त बीतता गया काम में महारत हासिल हो गई। अब वे योग गुरु रामदेव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी मिमिक्री कर लेते हैं। 


प्रसिद्धि पर नहीं हो रहा विश्वास : अब मुझे लोग फोन पर संपर्क कर रहे हैं। लोग मेरे वीडियो पसंद कर रहे हैं लेकिन मुझे  प्रसिद्धि पर विश्वास नहीं हो रहा है। लोग जब कॉम्पलीमेंट्स देते हैं तो लगता है, कुछ हासिल किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन से विश्वास था कि एक दिन सफलता मिलेगी। वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री की मिमिक्री की और इसी से  सफलता मिली। 


वीआईपी और राजू मेरे आदर्श : रंगीला के पिता जवाहरलाल कृषक और माता जमना देवी गृहणी हैं। उन्होंने गांव माणकथेड़ी में दसवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद बड़ोपल में बारहवीं उत्तीर्ण की और इसके बाद एमिनेशन का कोर्स किया। उन्होंने बताया कि कॉमेडियन वीआईपी और राजू श्रीवास्तव उनके आदर्श हैं। 


वाट्स एप बनता है आइडिया : रंगीला बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से संबंधित वाट्सएप उनके लिए  सहयोगी बनते हैं वे इन्हीं वाट्स एप मैसेज को अपनी मिमिक्री में उपयोग करते हैं। लोग इसे  पसंद भी करते हैं। वे बताते हैं कि वे जब मुम्बई में जॉनी लीवर से मिले तो उन्होंने कहा कि क्या यह वहीं श्याम है जो प्रधानमंत्री की मिमिक्री करता है।

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